Monday, April 11, 2011

विरु का .... निकल गया !



विरल करीब एक महिने से हमारी ओफीस मे काम करता है. विरु (मै उसको विरु ही कहती हु.) 21 साल का है  और नया नया ही कोमर्स ग्रेज्युएट हुआ है और मेरा आसिस्टंट है. दिल्ही से उसके पिताजी की बदली यहा हुई है. देखने मे हेंड्सम है. करीब छे फीट उंचा, गोरा है. शुरुआत मे तो वो सभी लडकियो से बहुत ही शरमाता था. लेकिन अब थोडा खुल गया है. आप तो जानते है मेरे साथ रहने वाला लडका ज्यादा देर तक लडकियोसे शरमा नही शकता. विरु फिर भी कफी शर्मिला है. लडकियो से सिर्फ काम से ही काम रखता है. मै हमेशा उसे उकसाने की कोशीश करती रहती हु. कभी बातो बातो मे सेक्सी और द्वीअर्थी शब्दो बोल कर तो कभी जब वो मेरे टेबल के सामने खडा हो तो आगे झुक के मेरे बूब्स दिखा के. एक बार तो जब मैने मिनि-स्कर्ट पहनी थी तो उसके सामने पैर फैला के मेरी पेंटी भी दिखा दी थी. वो भी उसका फायदा जरुर उठाता है लेकीन आगे बढने से शायद डरता है. जब मै ऐसा कुछ करती हु तो देखती हु की उसका लंड खडा हो जाता है. घर जा कर जरुर मेरे नाम की मुठ मारता होगा.

कुछ दिन पहले की बात है. मै और विरु स्टोर रुम मे यियर एंड का स्टोक ले रहे थी. हमारा स्टोर रुम काफे बडा है क्यु की हमारे पास करीब 400 से ज्यादा प्रोडक्ट है. हमारा काम पुरा होने जा रहा था. आज मै मस्ती के मुड मे थी. (वैसे मेरे साथ हेंड्सम लडका अकेला हो तो मै मस्ती मे आ ही जाती हु.) मैने सोचा आज विरु को थोड और आगे  बढाया जाए. मैने स्कर्ट और उपर ब्लाउझ पहना था. वो जिंस और शर्ट मे था.
‘विरु’ मैने कहा ‘देख तो आगे क्या है?
’क्या? वो चोंका. कहा देखु?
’अरे वो बोक्ष के आगे क्या पडा है?. तु क्या समझा?
’कुछ नही’ वो बोला
‘अरे शरमाता क्यु है. बता ना. तु मेरे आगे समझा ना’ मैने कहा.
’अरे नही मेम’ वो शरमा गया.
’ओह, तुम भी ना विरु. उस मे शरमाने की क्या बात हे. देख मेरे आगे तो हे है’ कहते हुए मैने मेरे बूब्स पर हाथ राख दिये.